वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
जौलजीबी मेले का उद्घाटन, ‘पंचेश्वर’ को भूल गए सीएम
”मेले में सीएम हमारे मेहमान थे। इसलिए हमने उनका स्वागत किया और कोई भी विरोध प्रदर्शन उनके खिलाफ नहीं हुआ। लेकिन अगर पंचेश्वर बांध में हमें डुबोया जाएगा तो हम हर तरह से इसका विरोध करेंगे।” – जौलजीबी व्यापार संघ अध्यक्ष धीरेन्द्र धर्मशक्तू जौलजीबी: भारत और नेपाल की सीमा पर हर साल होने वाले एतिहासिक जौलजीबी […]
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस : छोटे राज्यों के बड़े प्रश्न
“..लोकतंत्र में जनता की चेतना ही इस बात की एकमात्र कसौटी हो सकती है कि वह लोकतांत्रिक संस्थाओं का कितना लाभ ले सके। चेतना के अभाव की स्थिति में, कितने भी छोटे-छोटे राज्यों का निर्माण कर लिया जाए, समाज में पूर्ववत मौजूद वर्चस्व की विभिन्न श्रेणियां और संस्थाएं ही असल लाभ पाएंगी। उदाहरण के लिए, […]
आपदा तब आती है, जब आप उसे भूल जाते हैं!
रोहित जोशी फिर एक जापानी कहावत को दोहराने का दिल कर रहा है जिसका जिक्र मैंने कुछ समय पहले अपने एक आलेख में किया था। यह कहावत है, ‘‘आपदा तब आती है, जब आप उसे भूल जाते हैं!’’ यहाँ यह याद रखना चाहिए कि यह कहावत उस देश के अपने अनुभवों के सबक से उपजी […]
‘पंचेश्वर बाँध’ का जिन्न कैसे निकला बाहर?
-रोहित जोशी “…दुनिया भर में अतीत की चीज़ मान लिए गए विशाल बांधों में से एक ‘पंचेश्वर बांध’ के ज़िन्न को इस बार बाहर निकाला, भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री की 2014 में हुई दो नेपाल यात्राओं ने। इस पर मेरी नज़र तब गई जब प्रधानमंत्री द्वारा सार्क सम्मलेन के लिए किये गए नेपाल दौरे के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के […]
नैनीताल: ऑडिटोरियम की कमी से जूझते कलाकार
-रोहित जोशी “…खूबसूरत नैनीताल शहर की खुद की बनावट एक ओपन एयर थिएटर की है। जैसे चारों तरफ की पहाड़ियाँ ‘दर्शक दीर्घा’ की तरह नैनी झील के थिएटर स्टेज को निहार रही हों, जहाँ लहरों, रंग-बिरंगी नावों, आस-पास बिखरे हरे-पीले पेड़ों, मॉल रोड पर टहलते लोग, ढालूदार छतों की खूबसूरत इमारतों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों […]
सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रही है सरकार
किंवदंतियां समूचे समाज के साझे अनुभवों की जबरदस्त अभिव्यक्ति होती हैं। लगातार भूकंप की चपेट में रहने वाले जापान की एक कहावत है कि ‘आपदा तब आती है जब आप उसे भूल जाते हैं।’ इसका अर्थ है कि आपको समझना होता है कि जिस पारिस्थितिकी या भूगोल में आप रहते हैं, आप हमेशा उसके ख़तरों […]
वे सब कैद कर लिए जायेंगे
वे सब कैद कर लिए जायेंगे जो मेरे प्रिय हैं, मित्र हैं. आवारा हवाएँ, ख्वाहिशमंद परिंदे, स्वच्छंद नदियाँ, आकाश जीतती चोटियाँ और सबसे ज्यादा ‘आजाद ख्याल’। जिन जहरीली हवाओं के बीच साँस लेने को हम हैं अभिशप्त. मनुष्य बन सकने की न्यूनतम आजादी के अभाव में रेंग रहे हैं विवेकशून्य कीड़े की तरह। और हुकूमतें, […]
क्या तेलंगाना की नियति भी उत्तराखंड जैसी ही होगी ?
कांग्रेस वर्किंग कमिटी के अलग तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी देने से यह तकरीबन साफ हो गया है कि इस बार भारत के 29वें राज्य के बतौर तेलंगाना अस्तित्व में आ ही जाएगा। आगामी लोकसभा चुनावों के चलते इस बार कांग्रेस 2009 की तरह तेलंगाना पर वादा करके मुकरने की स्थिति में नहीं है। […]
‘गढ़वाली’ को याद करते हुए की सिविल नाफरमानी की घोषणा
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के पेशावर कांड की स्मृति में जागेश्वर (अल्मोड़ा) में आयोजित सम्मेलन में देशभर के विभिन्न हिस्सों से जुटे आंदोलनकारियों ने गढ़वाली से ही प्रेरणा लेते हुए जनविराधी नीतियों और कानूनों की सिविल नाफरमानी का प्रण लिया। इस अवसर पर स्थानीय आयोजक उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट ने आयोजन […]
एक जनयात्रा उत्तराखंड की बेहतरी के लिये
वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली के पेशावर कांड स्मृति दिवस के मौके पर 23 अप्रेल को जागेश्वर में होने वाले ‘पानी’ को लेकर किये जाने वाले ‘सिविल नाफरमानी’ आन्दोलन की तैयारी के लिये की गई, 10 मार्च से 20 मार्च तक की जनयात्रा बेहद अनुभवसम्पन्न करने वाली थी। यह जनयात्रा उत्तराखंड की समकालीन स्थितियों और उनकी बेहतरी […]
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