वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
‘गुजरात फाइल्स’ के आईने में हमारा लोकतंत्र
कपिलेश भोज आर्थिक और सामाजिक असमानता पर आधारित जब कोई राज्य मूलतः सुविधाभोगी वर्गों का पोषक होता है तो वह शासन और प्रशासन से जुडे़ लोगों पर अपने तमाम जनविरोधी कार्यों को किए जाने का दबाव बनाता है और फिर उन कार्यों को सही ठहराने के लिए उन पर ’विकास‘ व ‘जनहित’ का मुलम्मा चढ़ाकर […]
सम्पादकीय
‘आधार कार्ड’ को लेकर सरकार की भ्रम फैलाने की कोशिश जारी है। 24 अगस्त को निजता के अधिकार के बारे में सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ का सर्वसम्मत निर्णय आने के बाद सरकार के रवैये में सावधानी और लचीलापन आ जाना था, क्योंकि आधार भी अन्ततः निजता का ही एक प्रकार है। मगर […]
कश्मीर में जो हो रहा है. 5
(युवा पत्रकार राहुल कोटियाल की कश्मीर पर सिलसिलेवार रपटें सत्याग्रह.कॉम में प्रकाशित हुई थीं जिन्हें हम यहाँ साभार प्रकाशित कर रहे हैं। प्रस्तुत है इस सिलसिले की पांचवी कड़ी । – संपादक) करीब 11 बजे का समय हुआ है और ट्रेन कश्मीर के सबसे खूबसूरत, सबसे बड़े स्टेशन- श्रीनगर पहुँच चुकी है। कई अन्य लोगों […]
पंचेश्वर बाँध: ये कैसी जन सुनवाई
हृदयेश जोशी उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांँध को लेकर सरकार ने दस दिनों के भीतर तीन जन सुनवाई आयोजित करवाई। चंपावत में 9, पिथौरागढ़ में 11 और अल्मोड़ा में 17 अगस्त को। लेकिन जैसा अक्सर विकास परियोजनाओं में होता है ये तीनों जन सुनवाई भी किसी दिखावे से अधिक कुछ नहीं थीं। […]
नैनीतालः बिना ताल बेसुर बेताल
चंद्रेश शास्त्री (स्व. चन्द्रेश शास्त्री ने नैनीताल पर यह लेख 1 सितम्बर 1980 के अंक में लिखा था। उन्होंने कई बदलाव महसूस किये है। इन वर्षों में कितना कुछ बदल गया है नैनीताल यही महसूस करने के लिये इस लेख को पुनर्प्रकाशित किया जा रहा है। – सम्पादक) नैनीताल को ढूँढ निकलने वाले बैरन महोदय […]
हमारा काॅलम
हमारा काॅलम इस अंक के साथ नैनीताल समाचार अपने चालीस वर्ष पूरे कर इकतालीसवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। चालीस वर्षों की यह यात्रा कैसी रही, इसके अन्तिम निर्णायक तो हमारे पाठक ही होंगे। मगर हमें इस इस बात का संतोष हैं कि आर्थिक रूप से कभी भी इत्मीनान में न रहने के बावजूद […]
नैनी झील को बचाने के लिये क्या करें ?
शेखरानन्द त्रिपाठी ‘नैनीताल समाचार’ के दिनांक 1-14 जून 2017 के अंक में प्रकाशित विनोद पांडे के लेख से मुझे भी नैनीताल झील पर लिखने की बाध्यता का अनुभव हुआ। जल निगम में एक इंजीनियर रह चुकने कारण भी मैं यह कह सकता हूँ कि हमने समय रहते यह विचार ही नहीं किया कि सीमित आकार […]
कश्मीर में जो हो रहा है . 3
(युवा पत्रकार राहुल कोटियाल की कश्मीर पर सिलसिलेवार रपटें सत्याग्रह.काॅम में प्रकाशित हुई थीं जिन्हें हम यहाँ साभार प्रकाशित कर रहे हैं। प्रस्तुत है इस सिलसिले की तीसरी कड़ी । – संपादक) :राहुल कोटियाल बारामूला शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर, झेलम के किनारे एक बेहद खूबसूरत कॉलोनी नजर आती है. कॉलोनी के दोनों गेटों […]
सम्पादकीय
मोदी सरकार के प्रति देश की जनता के मोहभंग की प्रक्रिया तेज हो गयी है और उसी के साथ राजनैतिक विकल्प का सवाल भी उठ खड़ा हुआ है। तीन वर्ष पूर्व नरेन्द्र मोदी संसद की चैखट पर मत्था टेक कर धूमधड़ाके के साथ सत्ता पर काबिज हुए थे। उस लोकसभा चुनाव में मोदी हर भारतीय […]
कई भ्रमों के बीच भटकता नैनीताल
विनोद पांडे/राजीव लोचन साह नैनीताल के बारे में चिंता तभी जताई जाती है जब कोई बड़ी घटना घटती है। ये कारण कभी भूस्खलन होते हैं तो कभी तालाब का गिरता स्तर। इस साल क्यांेकि तालाब का जलस्तर अभूतपूर्व रूप से गिर चुका है तो इस बारे में खोखली बयानबाजी से लेकर वास्तविक चिंताओं और राष्ट्रीय […]
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