वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
उत्तराखण्ड में वैकल्पिक राजनीति के लिए विमर्श-2 :सपने टूटते हुए देखते रहेंगे या कुछ नया प्रयोग करेंगे?
नवीन जोशी उत्तराखण्ड में वैकल्पिक राजनीति यानी साफ-सुथरी और जनहितैषी राजनैतिक पार्टी की सम्भावना है, ऐसा हम मान कर चल रहे हैं। यह मानने का आधार राज्य के बिगड़ते हालात में है। मूलतः जिस पहाड़ और पहाड़ी जनता की सतत उपेक्षा से पृथक राज्य की मांग उठी, लड़ाई लड़ी गयी, बलिदान दिये गये, जो सपने […]
लाल बत्ती हटने से क्या होगा ?
विनोद पांडे केन्द्र सरकार के वी.आई.पी. व्यक्तियों के वाहनों की लाल बत्तियाँ हटाने के आदेश को इस तरह से देखा जा रहा है, मानो शक्तिशाली और सुविधासम्पन्न वर्ग के लोगों को एक ही झटके में जन सामान्य के स्तर पर ले आया गया हो। यह नरेन्द्र मोदी की कार्यशैली है जो आम जनता को लगातार […]
उम्मीदों का अम्बार है मुख्यमंत्री पर
गोविन्द पंत ‘राजू’ इस बार उत्तराखण्ड का जनादेश भी उत्तर प्रदेश की ही तरह रहा। अन्य कई सारे मुद्दों के साथ साथ उत्तराखण्ड में भी जनता ने हरीश रावत की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए वोट किया। राज्य की स्वयंभू प्रगतिशील राजनीति आपसी मनभेद न मिटा पाने के कारण एक बार फिर बुरी […]
चिणुक: भारी बस्ते पर बच्चा पंचायत
लेखक: प्रज्ञालक्ष्मी, लव अग्रवाल, छवि गुप्ता, नक्श गुप्ता (कक्षा – चौथी बी, विद्या बाल भवन पब्लिक स्कूल, मास्टर ब्लॉक, शकरपुर, दिल्ली-92) नमन ने बस्ता जैसे ही कंधे से उतारा, उसकी चीख निकल गई। ‘‘क्या हुआ ?’’ – मम्मी दौड़ी आयी। ‘‘मम्मी मेरे कंधे में बहुत दर्द हो रहा है।’’ नमन का यह कहना था कि […]
उत्तराखंड विधान सभा चुनाव 2017
जगमोहन रौतला उत्तराखण्ड में चौथी विधानसभा के लिए 70 सीटों में से 69 सीटों के लिए 15 फरवरी को मतदान हो गया . इस बार गत विधानसभा चुनाव की अपेक्षा लगभग तीन प्रतिशत अधिक मतदान हुआ . गत 2012 के विधानसभा चुनाव में 66.17 प्रतिशत मतदान हुआ तो इस बार यह बढ़कर 70 प्रतिशत तक […]
राजधानी के मसले पर फिर ठगी गई जनता
जगमोहन रौतला उत्तराखण्ड की राजधानी को लेकर जनता को एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा ने छलने का काम किया है। दोनों ही दलों ने अपने – अपने चुनाव घोषणा पत्रों में जनता की राजधानी गैरसैंण (जिला चमोली) को लेकर कोई निर्णय नहीं किया। भाजपा ने गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की […]
गठबंधन
– सुभाष तराण ताजा-ताजा खबर मिली है जंगल के अखबारों से, सुना है सन्धि हो चुकी है, सिंहों की सियारों से। इसी शर्त पर लकड़बग्घे भी गठबन्धन को राजी हैं, जंगल को अब मुक्त किया जायेगा अत्याचारों से। पानी में से मगरमच्छ और आसमान से गिद्धों का, प्रतीक चिन्ह से सम्मानित कर, स्वागत हुआ है […]
26 जनवरी 15 अगस्त
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है ? कौन यहाँ सुखी है ? कौन यहाँ मस्त है ? सेठ है, शोषक है, नामी गला काटू है गालियाँ भी सुनता है भारी थूक चाटू है चोर है डाकू है, झूठा-मक्कार है कातिल है छलिया है, लुच्चा-लबार है जैसे भी टिकट मिला जहाँ भी टिकट मिला शासन के […]
हाशिये पर ढकेल दिया गया गण
पवन राकेश 26 जनवरी 1950 से 26 जनवरी 2017 ! इन 67 वर्षों में हम एक अर्द्धविकसित अर्थव्यवस्था से विकासशील और अब उससे आगे की व्यवस्था को प्राप्त होने जा रहे हैं। आधुनिक विकास के पैमाने में हमने विकास के नये आयामों को छुआ है। आज पचास-साठ के दशकों जैसे अभाव नहीं हैं। खाद्य सामग्री […]
चौराहे पर अटकी अल्मोड़ा की वन वे ट्रैफिक व्यवस्था
शमशेर सिंह बिष्ट बढ़ता हुआ वाहनों का ट्रैफिक आज की सभ्यता का नासूर है। हर छोटी-बड़ी जगह पर इनका कहर महसूस किया जा सकता है। बेजरूरत बेहिसाब बढ़ती गाडि़यों ने एक ओर तो पैदल चलते लोगों की जिन्दगी असुरक्षित कर दी है और दूसरी ओर पर्यावरण को तहस-नहस कर दिया है। इस समस्या का स्थायी […]
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