वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
नौकुचियाताल में पाँचवाँ अंतर्राष्ट्रीय डाक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टीवल
भास्कर उप्रेती भारत में आजादी के बाद सरकार की योजनाओं को बताने के उद्देश्य से डाक्यूमेंट्री फिल्म विधा अस्तित्व में आई, जिससे दर्शकों का जल्दी ही मोहभंग हो गया। फिर कुछ लोगों ने कैमरे का प्रयोग अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए किया। आज डाक्यूमेंट्री फिल्में पॉलिटिकल एक्टिविज्म का एक धारदार औजार बन चुकी हैं। […]
विशिष्ट है बग्वालीपोखर की ग्रीष्मकालीन रामलीला
सुन्दर सिंह बिष्ट जनपद अल्मोड़ा की गगास घाटी के बग्वाली पोखर कस्बे में लगने वाली रामलीला की विशिष्ट पहचान है। बुजुर्ग बताते हैं कि 84 वर्ष पूर्व इस रामलीला की नींव रखी गयी। कुमाऊँ के अधिसंख्य स्थानों में रामलीला शरद के नवरात्रों में होती हैं परन्तु बग्वाली पोखर में यह रामलीला गर्मियों में ज्येष्ठ माह […]
चालीस सालों की रंगयात्रा
महेश जोशी :प्रतिबद्ध रंग-यात्रा के 40वें वर्ष में पहुँचने पर उत्तराखंड की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था ‘युगमंच’, नैनीताल ने वर्षभर आयोजित किये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में पहला आयोजन 22 जून 2016 को रंगकर्मी अनिल राव, विकास मेहरोत्रा और सुनीता जुयाल को समर्पित किया। इस अवसर पर भवानी प्रसाद मिश्र की कविता-‘गीत बेचता हूँ’, […]
इनडोर स्टेडियम के लिए तरसते खिलाडी
पंकज पांडे राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दमखम दिखाने वाले ताइक्वांडो खिलाड़ी एक अदद इंडोर स्टेडियम को तरस रहे हैं। ताइक्वांडो खेलों की विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त करने वाले बागेश्वर जनपद के प्रतिभावान खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों को राज्य सरकार की खेल नीति के तहत 11,40,000 रुपयों की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई। 20 […]
हल्द्वानी का सन्नाटा तोड़ती रवि जोशी की शाम
जगमोहन रौतेला हल्द्वानी अब तथाकथित विकास की दौड़ में पूरी तरह शामिल हो गया है। बाप-दादाओं द्वारा पसीना बहाकर जोड़ी गयी जमीन को बेचकर ‘बड़े’ बनते अथवा विलासिता के लिये कुछ भी कर ढेर सारा रुपया कमाने को आतुर, अपनी सुविधानुसार गाडि़यों या दुपहिया वाहनों में भागते लोग; इन गाडि़यों का शोर और धुआँ….इस सबके […]
लखनउवा भांड व नक्काल
अब्दुल हलीम ‘शरर’ (अनुवाद: नूर अली अब्बासी) पुरुष नाचने वालों के यहाँ दो गिरोह हैं- एक, हिंदू कत्थक और रहसधारी और दूसरे मुसलमान कश्मीरी भांड। भांडों के मुजरे की शान यह है कि एक तरुण और सुंदर लड़का जिसके बाल स्त्रियों की तरह लम्बे होते हैं, रंगीन और तड़क-भड़क के कपड़ेे पहन कर और पाँव […]
कंडी में आए थे कण्डोलिया के गोरिल
जनपद पौड़ी के उत्तुंग शिखर में अपना स्थान चुनने वाले गोरिल कंडोलिया देवता पर पूर्व में कई लेख लिखे जा चुके हैं लेकिन किसी ने भी उस पर व्यापक शोध करने की कोशिश नहीं की, किसी ने उसे शिव मंदिर कहा तो किसी ने उसे फुलदेई के फूल चढ़ाकर ग्राम देवता के रूप में पूजा। […]
जरूर पढ़ी जाने वाली कवितायें
दिनेश उपाध्याय इस बार एक किताब पढ़ने को मिली। जिल्द पर सबसे ऊपर लेखक अनिल कार्की का नाम है। सबसे नीचे लिखा है संस्कृति मंत्रालय उत्तराखण्ड से अनुदान प्राप्त। इस किताब का असली आकर्षण है इसकी जिल्द पर टंगी टोपी और बहुत नीचे टंगा हुड़का। हुड़के की डोरियों में खोसा गया बीड़ी का बन्डल और […]
लखनपाल के बैजनाथ शिलालेख
हाल ही में अल्मोड़ा पुरातत्व विभाग के अन्वेषण सहायक डाॅ. चन्द्र सिंह चैहान ने बैजनाथ के महन्त की कुटिया से राजा लखनपाल का एक विशाल शिलालेख का पता लगाया है जिससे पता चलता है कि महाराजाधिराज लखनपालदेव ने कात्र्तिकेयपुर में बैजनाथ का मन्दिर बनवाया था। अभी तक लेखपाल के तीन लेख ज्ञात थे- (1) गणानाथ […]
खुले आसमान के नीचे नाटक
विशेष प्रतिनिधि ‘नैनीताल में ग्रीष्म नाट्य महोत्सव के रूप में ‘मंच’ (आर्ट एंड थियेटर डेवलपमेंट सासाइटी)े द्वारा विगत 5 जून से ‘ओ कंजूसा मक्खी चूसा’ का मंचन किया जा रहा है। 25 जून तक चलने वाले इस आयोजन में ‘इडीपस’, कुछ एकल कहानी मंचन के अलावा ‘लाटा ये आदमी’ फिल्म भी दिखाई जायेगी। मंच संस्था […]
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