कविताऐं-छंद-शेर

Poems,Shers,Holi (कविताऐं, शेरो-शायरी, होली, छंद,क्षणिकाऐं)

नानीसार के नाम

– दिग्विजय सिंह बिष्ट जब खेतों की लड़ाई में सत्ता भागीदारी करती है जब सुधबुध खो जनता धरने की राह पकड़ती है जब स्टे आर्डर लाने पर साँसों के लाले पड़ते हैं जब आंदोलन को कुचलने को सलाखें धमकाती हैं जब जमीन बचाने को धरती माँ ही दाँव पर लग जाती है जब मुखिया के […]