वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
रफ्ता रफ्ता नजरबंदी का जादू हटता जाए है
पुरुषोत्तम शर्मा मोदी सरकार की नोटबंदी के खिलाफ 28 नवम्बर को देश भर में सड़कों पर उतरे लाखों लोगों ने जता दिया है कि राष्ट्रवाद की आड़ में जनता को लाइन में खड़ा करना और पीठ पीछे काॅरपोरेट व काला बाजारियों के लिए जनता के धन की लूट कराना ज्यादा दिन नहीं चलेगा। जनता का […]
कंकालों पर भाजपा-कांग्रेस की शर्मनाक राजनीति
पुरुषोत्तम शर्मा केदारनाथ क्षेत्र में अब मिल रहे नर कंकालों पर राज्य के सत्तापक्ष व विपक्ष में जो जुबानी जंग चल रही है, वह इस अति गंभीर व संवेदनशील मामले को हल्का बनाने का सुनियोजित प्रयास है, क्योंकि इस हमाम में दोनों नंगे हैं। तब भी कांग्रेस की सरकार थी और इसके लिए जिम्मेदार तब […]
सेना से नहीं, किसान विरोधी नीतियाँ बदलने से रुकेंगी पहाड़ों की आग
पुरुषोत्तम शर्मा उत्तराखंड में पहाड़ों के जंगलों में लगी आग आज राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चर्चा में है। आग तो इन जंगलों में हर साल लगती है। इतने ही जंगल हर साल एक बार नहीं गर्मियों में दो-दो बार तो जलते ही हैं। अब पिछले दस-पन्द्रह वर्षों से पर्यटकों को गर्मियों में यहाँ हिमालय के […]
उत्तराखंड में भूमि लुटाई जा रही है
पुरुषोत्तम शर्मा उत्तराखंड की भाजपा और कांग्रेस सरकारों की भूमाफिया व काॅरपोरेटपरस्त नीतियों के कारण पिछले 15 वर्षों में 15 लाख किसानों को खेती-किसानी छोड़ कर पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन सरकारों की खेती-किसानी को हतोत्साहित और किसानों का खेती से मोहभंग करने तथा जमीनों की लूट का रास्ता खोलने के कारण […]
डीडा नैनीसार की घटना तो एक शुरूआत है
अल्मोड़ा जिले के द्वारसों स्थित डीडा पंचायत के तोक नैनीसार की 353 नाली (7 हैक्टेयर से ज्यादा) भूमि को राज्य सरकार ने गुपचुप तरीके से देश के नामी औद्योगिक समूह जिंदल की ‘हिमांशु एजुकेशन सोसाइटी’ को दे दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 अप्रेल 2015 को इस जमीन को शिक्षण संस्थान के लिए उपलब्ध […]
टिकाऊ विकास के मन्त्र तो हमारी परम्पराओं में है
पुरुषोत्तम शर्मा उत्तराखंड के वास्तविक विकास के लिये मलेथा आज भी हमारे सामने सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। लगभग तीन सौ साल पहले टिहरी जिले के मलेथा गाँव में वीर भड़ माधोसिंह भंडारी के नेतृत्व में ग्रामीणों द्वारा खोदी गयी लगभग 90 मीटर लम्बी सुरंग और उस सुरंग से लाई गयी नहर से आज तक वहाँ धरती […]
कामरेड मान सिंह पाल की याद
9 मार्च को दिल्ली के एम्स में मान सिंह पाल का देहान्त होने से उत्तराखंड के वाम आन्दोलन को बहुत बड़ा धक्का लगा है। कामरेड पाल बिन्दुखत्ता क्षेत्र में भाकपा (माले) की रीढ़ थे। बिन्दुखत्ता क्षेत्र में आज जितनी भी नागरिक सुविधायें हैं, उनके पीछे कहीं न कहीं मान सिंह पाल का संघर्ष छुपा हुआ […]
इस प्रदर्शन ने अस्सी के दशक की याद ताज़ा की.
पुरुषोत्तम शर्मा 28 जनवरी को हाथों में लाल झंडे लिये, तनी हुई मुठ्ठियों साथ लालकुआं (नैनीताल) की सड़कों पर जब हजारों किसानों का जलूस निकला, तो देखने वाले दंग हो गये। जो उम्रदराज थे, उनकी जुबान पर एक ही वाक्य था, ‘‘80 के दशक की याद ताजा हो गयी।’’ मौका था बिन्दुखत्ता को नगरपालिका […]
रावत सरकार की भूमि संबंधी घोषणाओं से इतराने की जरुरत नहीं.
लेखक: पुरुषोत्तम शर्मा इधर उत्तराखंड सरकार ने भूमि के के बारे में तीन बड़े फैसलों की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने पहले पहाड़ में भूमि की खरीद के साथ ही भू उपयोग स्वतः बदल जाने के बारे में लिए गए अपने कैबिनेट के फैसले की घोषणा की। उन्होंने इसे पहाड़ में पूँजी निवेश व उद्योगों […]
पारम्परिक ज्ञान से आँखें न मूँदें
16-17 जून को उत्तराखंड में आई विनाशकारी आपदा ने पहाड़ पर विकास के मॉडल और इको सिस्टम (पारिस्थितिकीय तंत्र) से छेड़छाड़ पर बहस को तेज कर दिया है। इस सवाल पर सारी बहसों को अंततः उत्तराखंड में ‘इको संसिटिव जोन’ बनाने के समर्थन में ले जाया जा रहा है। पर्यावरणविदों के अलावा जल-जंगल-जमीन पर जनता […]
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