वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
सल्लाम वाले कुम, केशव अनुरागी
नवीन जोशी आजकल मेरा पटना वास चल रहा है, जहाँ दफ्तरी कामकाज के बाद डेरे में मैं बिल्कुल अकेला होता हूँ। ऐसे में मन में बहुत कुछ उमड़ता-घुमड़ता रहता है। ‘पेटकुड़’ लगना जैसा। अक्सर वे लोग याद आने लगे जिनसे काफी कुछ सीखा और जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। याद आने के तरह-तरह […]
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