‘बीमार है गेयूँ, बीमार है गेयूँ’ कै गणगणाट लगै बेर लै अखबार खैंचनेर हमार सम्पादक राजीव लोचन सौज्यू जी रौंना लाख सौ बरी। जिन्दगी भर सब्बै काम सुलटै बेर अब आखिर में भवननिर्माता बणि गे हमार प्रकाशक हरीश पन्त, उनार देखादेखि दुहर भवन निर्माता योगेश पन्त, हाकाहाक सम्पादक पवन राकेश, फेसबुक में टोपटाल दि राखनेर पेमा गेकिल सिथर जी रौंना लाख सौ बरी। जिद कर, लागि पडि़ बेर वैबसाईट अपडेट कर दिनेर प्रदीप पांडे और सरकारि नौकरी खत्म करते नि करते ‘प्रकृति मित्र’ बण जानेर विनोद पांडे जी रौंना लाख सौ बरी। हमार इंटरनेट सम्पादक कमल कर्नाटक और वात रोगैल् टेड़ हैई हाथैल अखबार पुरयै दिनैर डी.टी.पी. प्रभारी विनीता सनवाल जी रूँना लाख सौ बरी। सितीसितिये एकाएक फाम ऊण में अस्कोट-आराकोटैक् यात्रा करै दिनेर उमा भट्ट जी रौंना लाख सौ बरी। भाबर बै चै रूनेर देवेन्द्र नैनवाल, याँ-वाँ डोली जसि-तसी अखबार खैंचनेर महेश जोशी जी और उनर नयि-नयि जूनियर लागी कमल पांडे, दिव्यन्त साह, रामसिंह गुसाईं और नीरज डालाकोटी जी रौं लाख सौ बरीस।
हमन कैं आपुण रचना-रिपोर्ट उपलब्ध करूनेर और जब-तब विज्ञापन दि दिनेर हमार लेखकीय सहयोगी और विज्ञापनदाता जी रौंना लाख सौ बरी। हमार सुख दुखाक् दगडि़ राजहंस प्रेसाक् कामगार श्याम लाल, महेश, कंचन, संजू और अशोक होटलाक् सबै कर्मचारी जी रौं लाख सौ बरी।