वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
‘कुत्तों ने नोचा था लोहाघाट में बछड़े का सिर’
“हम बछड़े के अवशेषों की फोरेंसिक जांच करवाने के बारे में पता कर रहे हैं। लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य के अनुसार यह बहुत स्पष्ट है कि किसी इंसान ने इस बछड़े का सिर नहीं काटा है, जबकि पहले से ही मृत इस बछड़े के सिर को धड़ से अलग करने का काम कुत्तों ने किया है।” […]
ये कर्नल साहब भी ‘कच्चे’ निकले..
योगेश भट्ट उत्तराखंड में नैतिक मूल्यों के तो मानो कोई मायने ही नहीं रहे। ऐसे में निराशा के अंधेरे में उम्मीद का कोई दीप जले भी तो कैसे ? कर्नल अजय कोठियाल को ही लीजिए। अभी उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी मंजूर भी नहीं हुई और वह पहले ही सियासत की ‘लेफ्ट-राइट’ करने लगे। केदारनाथ […]
क्या रस्यूना गाँव भी डूब जायेगा
1962 में हुए भारत चीन युद्ध के बाद, चीन से लगती भारतीय सीमा की ओर जो सड़क बनाई गई उसी सड़क से, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों की सीमा पर बसे रस्यूना गाँव की पैदल दूरी तकरीबन 7 किलोमीटर है। तकरीबन आधी सदी से अधिक समय बीत जाने के बाद भी रस्यूना गाँव में अब तक […]
किसके हित में है जीएसटी ?
मुनीश कुमार कहते हैं कि खरबूजा चाकू पर गिरे या या चाकू खरबूजे पर कटता खरबूजा ही है। बिक्री कर लगाया जाए या सेवाकर लगाया जाए, जनता पर मूल्यवर्द्धित कर (वैट) लगे अथवा गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी)। इन सभी अप्रत्यक्ष करों का भार तो अंततः जनता पर ही पड़ता है। देश में 1 जुलाई […]
अटाल गांव में एक जरूरी विमर्श
नन्दकिशोर हटवाल जौनसार बाबर के दूरस्थ गाँव अटाल में पिछले दिनों ‘साहित्यक विमर्श: लोकजीवन, संस्कृति और साहित्य’ विषय पर एक चर्चा का आयोजन किया गया। ऐसी गतिविधियाँ शहरों-कस्बों तक ही सीमित रह गई हैं। आयोजन के पीछे विचार था कि हम गाँवों में जाएँगे तो गाँव हमारे अंदर उतरेगा। गाँव-कस्बों में छोटे-छोटे स्तर पर अंकुरित […]
हेलीकॉप्टरों की गूंज से थर्रा रही है केदारघाटी
बिपिन सेमवाल अभयारण्य क्षेत्र में आने के कारण जनपद रुद्रप्रयाग का दूरस्थ गांव तोसी अभी तक मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है। मगर पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील इसी क्षेत्र में केदारनाथ धाम के लिये तीन-तीन हवाई सेवायें धड़ल्ले से चल रही हैं, जिनके भयंकर शोर से लगता है मानो केदारघाटी में बमबारी हो रही […]
दुश्वारियों से भरी चारधाम यात्रा
संजय चौहान चारधाम यात्रा शुरू हुए अभी एक महीना भी पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन इतने ही समय के भीतर लगभग सात लाख तीर्थयात्री यहाँ पहुँच चुके हैं। सिखों के सर्वोच्च धाम, हेमकुंड के कपाट खुलने के बाद से यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। 2013 की आपदा के बाद एक बार फिर से […]
पहाड़ की खेती की जरूरतों और विशेषताओं को समझें
माधवानन्द मैनाली ‘मधु’ उत्तराखंड के 10 पर्वतीय जनपदों की खेती-बाड़ी वर्षा के जल पर अवलम्बित है। वर्षा के अतिरिक्त बर्फ भी पानी की आपूर्ति करता है। इस वर्ष भारी बर्फबारी हुई है और नदियों में पानी की जलधारा बड़ी तेजी से बढ़ी है। बाँज नहीं तो बर्फ भी नहीं और सारा गंगा-यमुना दोआब पानी […]
चार धाम यात्रा के बहाने
व्योमेश चन्द्र जुगरान उत्तराखंड की प्राणरेखा कही जाने वाली चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है। मई के प्रथम सप्ताह अलग-अलग तिथियों पर पूर्ण धार्मिक और परंपरागत अनुष्ठान के साथ बदरी-केदार-गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के वास्ते खोल दिए गए। नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों मीडिया में चार धाम यात्रा का प्रचार करते नजर […]
आपकी टिप्पणीयाँ