केशव भट्ट बचपन में यदा-कदा बुड़-माकोट (पिताजी के ननिहाल)जाना होता था.वहां बगल के पाथरनुमा दोमंजिले घर की खिड़की पर रिश्ते के छोटे चाचा बांसुरी बजाते दिखाई देते. उन्हें सुनता तो मैं हैरत में... Read more
नीरज भट्ट मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता । कल ठीक इसी समय फ़ोन पर अपने दगड़ी से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि एक महान लोकगायिका की बेटी के लिए अपना इलाज कराना असंभव... Read more