नवीन बिष्ट अब नहीं सुनाई देगा पूष माह के पहले इतवार से श्री लक्ष्मी भण्डार हुक्का क्लब के ऐतिहासिक बैठकी कक्ष में शिवचरण पाण्डे ‘शिबदा’ का ठेठ कुमाउंनी बैठकी होली का मौलिक गायकी का हृदय के स... Read more
आलोक प्रभाकर जल समाधि ले चुकी पुरानी टिहरी की होली के बारे में नयी पीढ़ी को शायद ही पता होगा कि वहां की परम्परागत होली की रंगत किस कदर छटा बिखेरती थी और पूरा नगर किस तरह होली की रंगीनियों में... Read more
हरिशंकर परसाई गंगा स्नान ही नहीं, साधारण स्नान के बारे में भी बड़ा अंधविश्वास है । जैसे यही, की रोज़ नहाना चाहिए – गर्मी हो या ठंड । क्यों नहाना चाहिए ? गर्मी में नहाना तो माफ़ किया जा... Read more
66 वर्षीय ज़हूर आलम एक विशिष्ट संस्कृतिकर्मी और ‘युगमंच’ के अध्यक्ष हैं। युगमंच नैनीताल में थिएटर की नर्सरी रही है, जहाँ से दर्जनों लोग राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, फ़िल्म इंस्टीट्यूट... Read more
हो मुबारक मंजरी फूलों भरी हो मुबारक मंजरी फूलों भरी ऐसी होरी खेलें जनाब अली बारादरी में रंग बनो है, हसन बाग मची होरी ऐसी होरी खेलें जनाब अली जुग-जुग जीवैं मित्र हमारे बरस-बरस खेलें होरी ऐस... Read more
बृजमोहन जोशी होली, ऋत परिवर्तन को अभिव्यक्त करने का उत्सव है। कुमाऊँ अंचल में पौष मास को, विशेष रूप से इसके प्रथम रविवार को बहुत ही पवि़त्र माना जाता हैं। लोक देवताओं की पूजा ‘बैसी’ के लिये... Read more
ज़हूर आलम फोटो : विनीता यशस्वी युगमंच होली महोत्सव : एव सार्थक पहल तमाम मंचो से पहाड़ के गीत-संगीत और लोक संस्कृति को बचाने के लिए बड़े-बड़े भाषण दिये जाते हैं। पर हमारी कलाओं को बचाने और कलाकार... Read more
विश्वम्भरनाथ साह ‘सखा’ कुमाऊँ में होली के दो प्रचलित स्वरूप है। एक ग्रामीण अंचल की होली, जिसे खड़ी होली कहते हैं। दूसरी, नागर होली, जिसे शहरी क्षेत्रों में बैठ होली कहते हैं। इसे 200-300 वर्ष... Read more
प्रमोद साह यूं तो होली समूचे भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है . जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन रंगों के साथ परवान चढ़ता है और रंग खेलकर ,गले मिलकर लोग साल भर के गिले-शिकवे भू... Read more