केशव भट्ट बचपन में यदा-कदा बुड़-माकोट (पिताजी के ननिहाल)जाना होता था.वहां बगल के पाथरनुमा दोमंजिले घर की खिड़की पर रिश्ते के छोटे चाचा बांसुरी बजाते दिखाई देते. उन्हें सुनता तो मैं हैरत में... Read more
केशव भट्ट बचपन में यदा-कदा बुड़-माकोट (पिताजी के ननिहाल)जाना होता था.वहां बगल के पाथरनुमा दोमंजिले घर की खिड़की पर रिश्ते के छोटे चाचा बांसुरी बजाते दिखाई देते. उन्हें सुनता तो मैं हैरत में... Read more
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