सुसैन चाको व ललित मौर्या हिमालयी क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन के चलते हिल स्टेशनों पर दबाव बढ़ रहा है। इसके साथ ही पर्यटन के लिए जिस तरह से इस क्षेत्र में भूमि उपयोग में बदलाव आ रहा है वो अपने आप... Read more
गिरिजा पांडे पिछले कुछ वर्षों में पहाड़ों में कीड़ाजड़ी की काफी चर्चा हुई है। उच्च हिमालय के कतिपय ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में इसने अहम् भूमिका निभाई है। हिमालयी ‘गोल... Read more
विनोद पांडे आज संसार भर में पर्यावरण का संरक्षण करने की मुहिम चली है क्योंकि मानवीय गतिविधियों से पर्यावरण इस सीमा तक बिगड़ चुका है कि आने वाले समय में पर्यावरण असंतुलन से पृथ्वी पर हर प्रकार... Read more
ललित मौर्य हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स द्वारा किए अध्ययन से पता चला है कि वित्तीय संकट की वजह से वनों के बढ़ते विनाश की दर में करीब 36 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। अपने इस अध्ययन में वन... Read more
डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला भारत में पक्षियों की आबादी बहुत तेजी से गिर रही है। कई प्रकार की जातियों पर संकट खड़ा हो गया है। गिद्धों की बात करें तो वे विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे म... Read more
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला उत्तराखंड आपदा के लिहाज से संवेदनशील राज्य है। नौ साल पहले आई केदारनाथ आपदा और पिछले साल की रैणी आपदा के घाव आज भी ताजा हैं। आपदा के मोर्चे पर विफलता और आपदा को लेकर... Read more
अतुल सती दिल्ली से आए साथी विद्या भूषण रावत जी, जिनका दलित आदिवासी क्षेत्रों लोगों, भूमि अधिकार पर विशेष व अन्य सामाजिक मुद्दों पर लम्बा गम्भीर कार्य है, के साथ नीति की तरफ जा रहा था । रास्त... Read more
विद्या भूषण रावत उत्तराखंड सरकार को चमोली जिले के जोशीमठ कस्बे से करीब 90 किलोमीटर दूर ग्राम नीति से करीब दो किलोमीटर आगे और गमसाली गांव से करीब एक किलोमीटर दूर धौली गंगा नदी का रास्ता साफ क... Read more
प्रमोद साह इस वर्ष जब हम दीपावली मना रहे थे तब 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के मध्य ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दुनिया के 120 देश 26 वी यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन में भाग ले रह... Read more
डा अतुल शर्मा * न हवा न पेड़ न न जडे़ न फल बस एक सीमेंट का पेड़ न घोंसला न बेल न छाल न फल फूलों का गिरना न फलों की रखवाली बस एक सीमेंट का पेड़ सीमेंट के पेड़ पर बैठी चिड़िया पहली बार सीमेंट... Read more