नवीन जोशी अगर सरकारों की आय का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत आबकारी शुल्क यानी शराब और भांग वगैरह नशीले पदार्थों की विक्री हो, तो बंदी में ढील देते ही उनकी दुकानों को ‘आवश्यक वस्तुओं’ की तरह खोल द... Read more
हादसे या हत्या : विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश), रायगढ़ (छत्तीसगढ़), कुड्डालोर (तमिलनाडु) मेहनतकश पत्रिका से साभार कोरोना/लॉकडाउन की त्रासदी के बीच गुरुवार, 7 मई को देश 3 बड़े हादसों का गवाह ब... Read more
इस्लाम हुसैन सृष्टि की रचना से लेकर आजकल मनुष्यों के विभिन्न समूहों में संसाधन कमाने, छीनने और हथियाने का संघर्ष चला आ रहा है। सभ्यता के काल खण्डों में यह संघर्ष विभिन्न रूप देखने को मिलता ह... Read more
इंद्रेश मैखुरी राजस्थान में फंसे उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के एक प्रवासी कामगार युवा,इस बात को लेकर परेशान थे कि वे घर कैसे पहुंचेंगे. निजी वाहन किराये पर लेकर आने के संदर्भ में जानकारी... Read more
कमलेश उप्रेती कोरोना काल में उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों में हुए रिवर्स पलायन को जहां आशा की नज़र से देखा जा रहा है वहीं इसके एक और पहलू पर भी गौर करने की जरूरत है. आजकल गांवों... Read more
राजेन्द्र भट्ट इस कोरोना-काल में ऐसे वाकये से बात शुरू करना अच्छा लग रहा है जिससे दुष्यंत कुमार की पंक्तियाँ याद आ गईं– ‘इस अंधेरी कोठरी में एक रोशनदान है।’ ये रोशनदान नोएडा की एक युवा पुलिस... Read more
राजशेखर पंत हर बड़ी विभीषिका ने समाज को बदला है. यूं तो समाज और उससे जुड़ा हर पहलू समय के साथ-साथ हमेशा बदलते रहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे प्रकृति की हर जैविक संरचना बदलती है. पर यह परिवर्तन इतन... Read more
डॉ ऐ. के. अरुण कोरोनावायरस संक्रमण के थमने की फिलहाल तो कोई सम्भावना नहीं लगती। यदि मान लें कि कुछ समय के लिए संक्रमण के मामले प्रकाश में नहीं आ पाए तो भी इससे निश्चित नहीं हुआ जा सकता। कोरो... Read more
भास्कर उप्रेती जिस दौर में अर्णव गोस्वामी, सुधीर चौधरी, रजत शर्मा, दीपक चौरसिया, अंजना ओम कश्यप, शशि शेखर जैसे पत्रकार मीडिया का मुखपृष्ठ हो गए हों, ऐसे समय में मीडिया के सशक्त और दीर्घायु ह... Read more
स्कन्द शुक्ला कोविड-19 पैडेमिक की अन्तिम नियति किस तरह होगी ? तीन रास्ते हैं : पहला असम्भव जान पड़ता हुआ , दूसरा जोखिम-भरा और तीसरा बहुत लम्बा। चाहे जितने प्रतिक्रियात्मक प्रयास कर लिये जाएँ... Read more