24 नवम्बर को वन संरक्षक माथुर के बुलावे पर राजा बहुगुणा, विश्वनाथ पांडे, प्रकाश बुघानी और मैं उनसे मिलने गये। वे एक ईमानदार अधिकारी थे। मगर उन्होंने हमारे सामने प्रस्ताव रखा कि हम नीलामी होन... Read more
गजेंद्र रौतेला प्रभावितों का कहना है कि वर्ष 2013 की भीषण आपदा के पश्चात लोग अपने संघर्षों से पुनः अपने घर व्यवसाय आदि को पुनर्स्थापित करने की जद्दोजहद कर ही रहे थे कि ऑल वेदर रोड के नाम पर... Read more
यूं तो एक चित्रकार को समझने बूझने के लिए उसके कैनवास के भीतर ही झांकना होगा लेकिन एक चित्रकार के भीतर के कलाकार की समग्र गहराई को सिर्फ कुछ कैनवास देखकर समझ पाना मुश्किल है। इसकी दो वजहें है... Read more
इस शोध से पहले हॉकिंग की यह मान्यता थी कि ब्लैकहोल में समा गई सारी जानकारी खो जाती है. लेकिन अपनी समझदारी को विकसित करते हुए उन्होंने इस शोध में बताया है कि ब्लैक होल के भीतर समा गई जानकारिय... Read more
देश लगातार नाकामयाबियों, बल्कि विघटन की ओर जा रहा है और हम देशवासी हैं कि चैन की वंशी बजा रहे हैं। ऐसा क्यों ? ऐसा इसलिये क्योंकि हमारे दिमाग में यह भर दिया गया है कि जो कुछ हो रहा है, वह सब... Read more
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी का यह आलेख http://thewirehindi.com/ से साभार प्रकाशित किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संकुल (यूएनएफसीसीसी) के अनेक सम्मेलन मैंने नज़दीक से देखे हैं. विकासशील... Read more
बलात्कार को केवल कुछ सिरफिरे लोंगों की अनियंत्रित यौनेच्छा का परिणाम मानना बेहद संकुचित विचार होगा साथ ही इसे केवल मनोविकृति और अपराधिक या असामाजिक कृत्य मानना भी इस कृत्य के कई पहलुओं की अन... Read more
मदन मोहन पाण्डेय चालीस साल के भीतर प्राइमरी शिक्षा के साथ किये गये सही-गलत प्रयोगों, सरकारी शिक्षातंत्र के चरमराने और टाई पहना कर ‘ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार’ रटाने वाले तथाकथित इंग्लिश मीड... Read more
वो तल्लीताल के पोस्ट आफिस की दीवार पर लगा एक पैम्फ्लैट था जिसने मेरी जिन्दगी की धारा बदल दी। पत्रकारिता और लेखन का कीड़ा मन में कहीं न कहीं था तो जरूर, तभी तो इण्टर कालेज की वार्षिक पत्रिका... Read more
मुक्तेश्वर (नैनीताल) में कसियालेख से आगे सड़क से तकरीबन 3 किमी की दूरी के बाद शुरू होता है, एक छोटा सा मगर रोमांचक ट्रेक. खूबसूरत जंगल और भालू गाड़ के किनारे आप डेढ़-दो किमी का सफर तय करते ह... Read more