प्रकृति की किन्हीं थपकियों/थपेड़ों ने इस पहाड़ को इस तरह तराशा होगा और बर्फ के फाहे हर साल इसे और उभार देते हैं. धूप बर्फ पिघलाती है तो आकार धुंधलाता है लेकिन फिर बर्फ अपनी ड्यूटी करने आ धमक... Read more
सबसे पहले कुलपति भौतिकी विभाग में गये। यह वह विभाग है, जिसे कुमाऊँ विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो. डी. डी. पन्त ने स्थापित किया था। इस जगह काम करने की ऐसी ललक... Read more
बेचारे मणिशंकर अय्यर Read more
मैं जानता था कि गोपनीयता संदेह और वैमनस्य को जन्म देती है, अतः पहली ही बैठक में मैंने विद्यालय के विविध छात्र.कोषों और राजकीय अनुदानों की राशि का पूरा विवरण अध्यापकों के सामने रख दिया। उनकी... Read more
कारसेवकों को भारत में मुगल साम्राज्य की नींव डालने वाले बाबर से एतिहासिक प्रतिशोध का सुख भव्य राममंदिर के रूप में पाना था जिसे भुला दिया गया, फिर भी उनकी हिंसक आस्था का प्रेत भटकता रहा तो उन... Read more
‘चिपको’ नाम से ख्यातिप्राप्त आन्दोलन का क्रमिक विकास कैसे हुआ और उसकी अंतिम परिणति क्या हुई, इसका वस्तुगत विश्लेषण किया जाना जरूरी है। हालाँकि ऐसा अध्ययन कोई स्वतंत्र, सक्षम टीम ही कर सकती... Read more
उत्तराखंड में भूमि का बंदोबस्त इस तरह है कि अधिकांश किसानों के पास नाप भूमि के साथ-साथ बेनाप भूमि भी है। गाँव वालों के पास तो केवल बेनाप भूमि ही है। इस भूमि पर उनका मकान है तथा खेती भी होती... Read more
चुनावों के खेल भी गजब होते हैं। लोकतंत्र में आदर्श रूप में हर निर्णय जनता की सहमति से लिया जाना चाहिये और चूँकि समूची जनता एक साथ राय-मशविरे के लिये नहीं बैठ सकती, इसलिये उसके द्वारा प्रतिनि... Read more
सांकरी हर की दून, केदारकांठा आदि की ट्रैकिंग करने वालों से गुलजार था। यह इस दूरस्थ क्षेत्र की तरक्की का सुखद एहसास दिला रहा था। यह तरक्की यहाँ के स्थानीय लोगों ने अपनी कड़ी मेहनत से पिछले पाँ... Read more