वर्ष 40:अंक 24 II 1- 15 अगस्त 2017
‘गुजरात फाइल्स’ के आईने में हमारा लोकतंत्र
कपिलेश भोज आर्थिक और सामाजिक असमानता पर आधारित जब कोई राज्य मूलतः सुविधाभोगी वर्गों का पोषक होता है तो वह शासन और प्रशासन से जुडे़ लोगों पर अपने तमाम जनविरोधी कार्यों को किए जाने का दबाव बनाता है और फिर उन कार्यों को सही ठहराने के लिए उन पर ’विकास‘ व ‘जनहित’ का मुलम्मा चढ़ाकर […]
अब नहीं होगा कविता पोस्टरों के बीच उनका मुस्कराता चेहरा
गोविन्द पंत ‘राजू’ पिछले 27-28 वर्षों में उमेश डोभाल स्मृति समारोह के कार्यक्रमों में एक-दो मौके ही शायद ऐसे रहे होंगे, जब समारोह के दौरान कार्यक्रम स्थल में लगे कविता पोस्टरों और मिनिएचर चित्रों की प्रदर्शनी के साथ बी. मोहन नेगी का मुस्कुराहट भरा ऊर्जावान चेहरा मौजूद न रहा हो। हर दर्शक की जिज्ञासाओं का […]
सम्पादकीय
‘आधार कार्ड’ को लेकर सरकार की भ्रम फैलाने की कोशिश जारी है। 24 अगस्त को निजता के अधिकार के बारे में सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय संविधान पीठ का सर्वसम्मत निर्णय आने के बाद सरकार के रवैये में सावधानी और लचीलापन आ जाना था, क्योंकि आधार भी अन्ततः निजता का ही एक प्रकार है। मगर […]
ये कर्नल साहब भी ‘कच्चे’ निकले..
योगेश भट्ट उत्तराखंड में नैतिक मूल्यों के तो मानो कोई मायने ही नहीं रहे। ऐसे में निराशा के अंधेरे में उम्मीद का कोई दीप जले भी तो कैसे ? कर्नल अजय कोठियाल को ही लीजिए। अभी उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी मंजूर भी नहीं हुई और वह पहले ही सियासत की ‘लेफ्ट-राइट’ करने लगे। केदारनाथ […]
हाईकोर्ट को मुँह चिढ़ाते अधिकारी
लेखक : केशव भट्ट बागेश्वर जिले में लंबे समय से ब्लड बैंक और ट्राॅमा सेंटर को शुरू करने के लिए नागरिक मंच द्वारा किए जा रहे प्रयासों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं। हाल ये है कि 57 लाख में ट्रामा सेंटर तथा 37 लाख में बने ब्लड बैंक […]
अंतिम प्रणाम पांगती जी
लेखक : प्रदीप पांडे 24 अक्टूबर को दैव ने डॉक्टर शेर सिंह पांगती को हम से छीन लिया। किसी भी अनजान क्षेत्र में जब आप घूमने जाते हैं तो पहले पहल लोग आपसे घुलते मिलते नहीं। ऐसे ही जोहार क्षेत्र में जब भी हम ट्रेकिंग पर जाते तो लोग शुरू में हमसे एक उचित दूरी […]
20 नवंबर को होगी किसान मुक्ति संसद
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा देश के सभी किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़ा मुक्ति एवं किसानी की लागत से डेढ़ गुना समर्थन मूल्य पर सभी कृषि उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए देशभर में किसान मुक्ति यात्रा निकाली जा रही है। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति में अबतक 184 किसान संघठन शामिल […]
एक विलक्षण चित्रशिल्पी का जाना
लेखक : एल.मोहन कोठियाल बी. मोहन नेगी जी से मेरा परिचय 1992 में तब हुआ, जब वे 25 मार्च को प्रथम उमेश डोभाल स्मृति समारोह में गोपेश्वर से आये थे। उनकी तब की बहुत ही धुँधली सी याद मेरे मन में है। कुछ साल तक गोपेश्वर और फिर गोचर के डाकघर में रहने के […]
क्या हिमालय दिवस से हिमालय का पर्यावरण बचेगा ?
लेखक : नेहा पाण्डे सन् 2015 से उत्तराखण्ड सरकार ने हिमालय दिवस को आधिकारिक रूप से मनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से कई महत्वपूर्ण बिंदु उभरते हैं। पहला, इस क्षेत्र के पर्यावरणीय मुद्दों को उठाने के लिए हिमालय दिवस में कितनी क्षमता है ? दूसरा यह कि जैसा कि शोधांे से यह उजागर […]
झारखण्ड में भी उठी नये राजनैतिक विकल्प की ललकार
लेखक: नवीन जोशी सद्यरू प्रकाशित पुस्तक “झारखंड आंदोलन के दस्तावेज” (सम्पादक- वीर भारत तलवार, प्रकाशक- नवारुण प्रकाशन) के चंद पन्ने पलटते ही मुझे आज के उत्तराखण्ड की याद हो आयी। झारखण्ड राज्य आंदोलन से गहरे जुड़े रहे प्रसिद्ध रचनाकार और आंदोलनकारी वीर भारत तलावर ने यह पुस्तक झारखण्ड राज्य की वर्तमान दुर्दशा से दुखी और […]
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