ताज़ा तरीन

एक बार फिर से होली का मौसम आ गया

एक बार फिर से होली का मौसम आ गया

राजीव लोचन साह होली का मौसम है। होली रंगों का त्यौहार तो है ही, इसके साथ गीत-संगीत भी जुड़ा हुआ है। हमारे कुमाऊँ में तो होली में संगीत और नृत्य पक्ष ही ज्यादा मजबूत दिखाई देता है। इसके साथ ही आते हैं स्वांग और ठेटर। बाकी अराजकता तो होली का अविभाज्य अंग है ही। अब […] Read more

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से सावधान प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है, यह हमें कई तरह के फायदे पहुंचाती है। इससे हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, भोजन आदि जो जीवन के लिए अहम हैं, की प्राप्ति होती है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि सरकारें भावी पीढ़ियों के […] Read more

सम्पादकीय

एक बार फिर से होली का मौसम आ गया

एक बार फिर से होली का मौसम आ गया

राजीव लोचन साह होली का मौसम है। होली रंगों का त्यौहार तो है ही, इसके साथ गीत-संगीत भी जुड़ा हुआ है। हमारे कुमाऊँ में तो होली में संगीत और नृत्य पक्ष ही ज्यादा मजबूत दिखाई देता है। इसके साथ ही आते हैं स्वांग और ठेटर। बाकी अराजकता तो होली का अविभाज्य अंग है ही। अब […] Read more

क्या जरुरी था समान नागरिक संहिता काननू बनना

क्या जरुरी था समान नागरिक संहिता काननू बनना

राजीव लोचन साह उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता पर कानून बगैर ज्यादा बहस या शोर शराबे के पारित हो गया है। उत्तराखंड देश का पहला प्रदेश है, जहाँ ऐसा कानून बना है। इसके लिये प्रदेश सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी में उसी तरह उल्लास का भाव है, […] Read more

आशल कुशल

देश दुनिया

महिलाओं के उन दिनों की बात

महिलाओं के उन दिनों की बात

हिमांशु जोशी ● कुछ दिनों पहले अभिनेत्री पूनम पांडे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सर्वाइकल कैंसर की वजह से अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई थी। पूनम पां... Read more

दुनिया भर में बोली जाने वाली 7000 भाषाओं में से 45 फीसदी हो सकती है लुप्त

दुनिया भर में बोली जाने वाली 7000 भाषाओं में से 45 फीसदी हो सकती है लुप्त

दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से साभार भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहु-भाषावाद को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया... Read more

किताबें

राजी भाषा का शब्दकोश : अभिनव प्रयोग

राजी भाषा का शब्दकोश : अभिनव प्रयोग

उमा भट्ट यह तो सर्वविदित ही है कि वैश्वीकरण के इस दौर में संसार की कई भाषाएं विलुप्ति के कगार पर हैं। ऐसे में उत्तराखण्ड की भाषाएं भी अपने समाज तक सीम... Read more

साहित्य और संस्कृति

ज़हूर आलम का सम्मान समस्त रंगकर्मियों का सम्मान है

ज़हूर आलम का सम्मान समस्त रंगकर्मियों का सम्मान है

गोविन्द पंत ‘राजू’ अखिल भारतीय संगीत नाटक अकादमी द्वारा जहूर आलम को सम्मानित किए जाने से समूचे उत्तराखंड के रंग कर्म को एक नई ऊर्जा मिली ह... Read more

“पितृकुढा” जैसी स्थानीय कथानक फिल्मों का नया दौर शुरू 

“पितृकुढा” जैसी स्थानीय कथानक फिल्मों का नया दौर शुरू 

जयप्रकाश पंवार ‘जेपी’ पिछले साल से उत्तराखंडी फिल्मों का एक नया दौर शुरू हुआ है, खासकर गढ़वाली फ़िल्में जो कभी सीडी, डीवीडी और लाइव स्ट्रीमिंग चैनल, ओटी... Read more

पर्यावरण

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

अनुमान से कहीं ज्यादा है प्रकृति के नुकसान की कीमत

दयानिधि ‘डाउन टू अर्थ’ से सावधान प्रकृति और मनुष्य के बीच बहुत गहरा संबंध है, यह हमें कई तरह के फायदे पहुंचाती है। इससे हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हव... Read more

चिपको के 50 साल : रेणी के जीवन का यादगार दिन

चिपको के 50 साल : रेणी के जीवन का यादगार दिन

शेखर पाठक जोशीमठ में चिपको आन्दोलन शुद्ध सर्वोदयी सीमा तथा संचालन पद्धति से कुछ बाहर निकला और एक प्रकार से भाकपा के गोविन्दसिंह इसका नेतृत्व कर रहे थे... Read more

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